गेट वेल सून!

तीन पत्थर, गुड़िया के बुने कपड़े,
छोटी सी गुल्लक, छोटे से सपने।
बारिश की बूँदें, हलवे की ख़ुशबू,
खाने का लालच, नींद और सुकून।

पड़ोस का दबाव, रिश्तेदार लाजवाब,
पढ़ाई का बोझ, नौकरी की खोज।
तनख्वाह का गुरूर, नशे में चूर,
शहर के ठाठ, घमंड और सुरूर।

बढ़ता रक्तचाप, डाइबिटीज लाइलाज,
फैलता हुआ शरीर, झूलता ज़मीर।
चिड़चिड़ा स्वभाव, भरपूर दबाव,
नींद की दिक्कत, समय की किल्लत।

खोज पुरानी सी, जानी-अनजानी सी,
ज़रूरत बस वही, गुल्लक और सपने।
खाने का लालच, नींद और सुकून,
आई सिन्सेरली होप यू गेट वेल सून!

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Ritika

Assistant Professor, Malaviya National Institute of Technology Jaipur. PhD, Indian Institute of Technology Roorkee.